कांग्रेस का प्रदर्शन क्यों बुरा रहा? गुटबाजी के संदर्भ में कांग्रेस के लिए इन नतीजों के क्या मायने हैं?
राजस्थान के 21 जिलों में 4371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में बीजेपी के 1835 उम्मीदवारों को जीत मिली, वहीं कांग्रेस के 1718 उम्मीदवारों को सफलता हासिल हुई. 21 जिला परिषद सीटों में से बीजेपी ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया है, वहीं कांग्रेस को केवल पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पिछली बार भी जीती थी लेकिन इस बार उनका वोट प्रतिशत घटा है.
कांग्रेस का प्रदर्शन क्यों बुरा रहा?
कांग्रेस केवल पांच जिलों में जिला प्रमुख पदों पर कब्जा करने जा रही है: बीकानेर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़. इस बुरे प्रदर्शन के कई कारण हैं. कुछ का संबंध राजस्थान में इसकी कमजोरियों से हैं और कुछ कारक इसके नियंत्रण से बाहर हैं.
- 15 साल में यह पहला अवसर है जब ग्रामीण निकायों में विपक्ष की तुलना में सत्ताधारी दलों के कम सदस्य होंगे. पंचायत समिति चुनावों में कांग्रेस के 1852 उम्मीदवारों के मुकाबले बीजेपी के 1989 उम्मीदवार जीते हैं. 2015 में बीजेपी के लिए यह संख्या 2960 थी और कांग्रेस के लिए 2490.
- प्रतिशत रूप में बीजेपी ने 45.5 प्रतिशत सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस ने 42.4 प्रतिशत सीटें. 2015 में बीजेपी के लिए यह 51 फीसदी था और कांग्रेस के लिए 41 प्रतिशत.
- जिला परिषद सीटों के रूप में देखें तो बीजेपी ने 56 फीसदी सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस ने 40 फीसदी सीटों पर. 2015 में बीजेपी और कांग्रेस की जीत का प्रतिशत क्रमश: 62 और 37 था.